Life insurance क्या है और ये क्यों जरुरी है-पूरी जानकारी

Life insurance, बीमा कंपनी और बीमा धारक के बीच एक अनुबंध है जिसमें बीमा कंपनी बीमाधारक की मृत्यु पर नामांकित व्यक्ति को एक निश्चित राशि का भुगतान करती है। यह परिवार की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने का एक महत्वपूर्ण साधन है। खास तौर से अगर आप एक परिवार एक कमाऊ मुखिया है तो ये आपके लिए और जरुरी हो जाता है। इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ने पर आपको Life insurance से सम्बंधित सभी जानकारी मिल जाएगी।

Life insurance

जैसा हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि लाइफ इन्शुरन्स बीमा धारक और बीमा कंपनी के बीच का एक अनुबंध होता है जिसमे बीमा धारक कंपनी अनुबंध के तहत एक राशि कंपनी के लिए मासिक, तिमाही, छमाई या वार्षिक भुगतान करता है बदले में कंपनी उसके अनुबंध की वैधता को बढ़ाते हुए बीमा को चालू रखती है। अगर बीमा धारक को कुछ हो जाता है तो बीमा कंपनी अनुबंध में लिखी राशि, अनुबंध में नामित व्यक्ति को देने के लिए बाध्य है।

किसी भी इन्शुरन्स को लेने से पहले आपको कई बातो का ध्यान रखना होता है साथ ही बीमा कंपनी की conditions को भी जानना बेहद जरुरी हो जाता है। जिससे की आपके बाद नामित व्यक्ति को पैसे मिलने में किसी भी तरह की दिक्कत नहीं आये। लाइफ इन्शुरन्स की कीमत का भी चुनाव आपको अपनी और अपने परिवार की जरूरत को ध्यान में रखकर लेना होगा।

लाइफ इन्शुरन्स के प्रकार

अवधि बीमा (Term Insurance): लाइफ इन्शुरन्स का सबसे फेमस इन्शुरन्स है और आपको लाइफ इन्शुरन्स के लिए हमेशा इसी इन्शुरन्स को सेलेक्ट करना चाहिए। इस बीमा के तहत बीमा धारक पालिसी लेने के बाद एक निश्चित क़िस्त को भुगतान करता रहता है और किसी भी स्थिति में बीमित व्यक्ति की मृत्यु होने पर, बीमा कंपनी term इन्शुरन्स में लिखी कीमत को नॉमिनी के लिए भुगतान कर देती है।

पूरे जीवन का बीमा (Whole Life Insurance): पॉलिसी खरीद के समय किसी भी अन्य बीमा की तरह बीमा राशि का निर्णय लिया जाता है। जब तक बीमाधारक प्रीमियम का भुगतान करता है, तब तक पॉलिसी जीवन कवरेज प्रदान करती है। इस बीमा की परिपक्वता अवधि 100 वर्ष तक है। यदि बीमित व्यक्ति उस उम्र से पहले मर जाता है, तो लाभार्थी को निश्चित बीमा राशि प्राप्त होती है और यदि बीमित व्यक्ति 100 वर्ष से अधिक रहता है, तो बीमा कंपनी बीमाधारक को परिपक्व एंडोमेंट कवरेज का भुगतान करती है।

यूलिप (ULIP): यूलिप का पूरा नाम यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान है, जो बीमा और निवेश का मिश्रण प्रदान करता है। यूलिप प्लान के प्रीमियम का एक हिस्सा आपके परिवार के लिए बीमा कवर प्रदान करने के लिए उपयोग किया जाता है। शेष प्रीमियम को आपकी पसंद के मार्केट-लिंक्ड म्यूचुअल फंड में निवेश किया जाता है। आप अपनी जोखिम क्षमता, निवेश क्षितिज और वित्तीय लक्ष्यों के अनुसार म्यूचुअल फंड का चयन कर सकते हैं। इसके अलावा, यूलिप आपको भविष्य में बदलती जरूरतों और जीवन चरणों के साथ अपने निवेश पोर्टफोलियो को बदलने की सुविधा देता है।

ये भी पढ़ें: आधार पैन कार्ड लिंक कैसे करें

Life Insurance को फायदे

वित्तीय सुरक्षा: इसमें आपको और आपके परिवार के लिए एक वित्तीय सुरक्षा बनी रहती है। किसी भी स्थिति में आपको कुछ हो जाता है तो आपके बाद आपके परिवार के लिए ये सुरक्षा बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण होती है। इसलिए आपको हमेशा लाइफ इन्शुरन्स जरूर कराना चाहिए खासतौर से अगर आप अपने परिवार के एक कमाऊ मुखिया है।

टैक्स लाभ: अगर आप इनकम टैक्स स्लैब में आते हैं तो life insurance कराने से आपको इनकम टैक्स में भी फयदा मिलता है। income tax भरते समय आप धारा 80C के तहत प्रीमियम पर टैक्स छूट, धारा 10(10D) के तहत मुआवजे पर टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं।

उधार सुविधा: पॉलिसी के विरुद्ध ऋण प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन लाइफ इन्शुरन्स का अच्छा फायदा उठाने के लिए कभी भी आपको इस तरह की पालिसी का चुनाव नहीं करना चाहिए जिससे आप लोन ले सके और न ही आपको लाइफ इन्शुरन्स पर किसी भी तरह लोन लेना चाहिए।

एक अच्छा लाइफ इन्शुरन्स कैसे चुने?

अपनी आवश्यकताओं को समझे: एक अच्छा इन्शुरन्स आप तभी सेलेक्ट कर सकते हैं, जब आपको ये जानकारी की आपकी जरूरते क्या है और आपको भविष्य में कितने फण्ड की जरुरत हो सकती है या आपके ना होने पर आपके परिवार के भरण-पोषण के लिए कितनी जरुरत होगी।

पॉलिसी की तुलना करें: आज कल मार्किट में कई तरह के टूल्स मौजूद हैं जिससे आप किसी भी पालिसी की तुलना करके अपने लिए एक सबसे अच्छी पालिसी का चुनाव कर सकते हैं तो आपकी जरुरत के हिसाब से कुछ इन्शुरन्स को सेलेक्ट करके और उनकी तुलना करके अपने लिए एक अच्छी पालिसी को सेलेक्ट करें।

प्रीमियम और कवरेज: अपनी जरूरतों को समझने के बाद आपको ये चेक करना है कि कौन सी कंपनी कितने प्रीमियम में आपको कवरेज दे रही है। इसे भी आप ऑनलाइन इन्शुरन्स compare करनी वाली साइट्स से आसानी से चेक कर सकते हैं।

Claim Settlement Ration: किसी भी इन्शुरन्स को लेने से पहले ये बहुत ही जरुरी हो जाता है की उस कंपनी का क्लेम सेटलमेंट रेश्यो क्या है। क्लेम सेटलमेंट रेश्यो ये दर्शाता है कि कंपनी के लिए कितने इन्शुरन्स निकलने के लिए क्लेम किया गया है और उन में से कितने क्लेम कंपनी द्वारा पास किये गए है। अगर किसी कंपनी का claim Ratio 95% है तो उस कंपनी द्वारा 100 आवेदन में से 95 आवेदन को स्वीकृत किया है। आपको हमेशा high claim Settlement Ratio वाली कंपनी को सेलेक्ट करना है।

ये भी पढ़ें: सिग्नेचर के साथ पैन कार्ड कैसे बनाये

आशा करते हैं कि पोस्ट में बताई जानकारी आपके लिए काफी हेल्पफुल रही होगी। अधिक जानकारी के लिए आप हमारी यूट्यूब वीडियो को देख सकते हैं।

पोस्ट को यहाँ तक पढ़ने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। पोस्ट से जुड़े सवाल और सुझावों को कमेंट करें। अधिक जानकारी के लिए telegram ग्रुप को ज्वाइन करें।

#onlinesociety #lifeinsurance #terminsurance

Leave a Comment